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गुरुवार, 12 मार्च 2015

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आप सभी मित्रों के समक्ष ----तितली है खामोश---- की छठी पोस्ट सादर हाज़िर है ...आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में .....आपका दोस्त .....सत्यवान वर्मा सौरभ
तितली है खामोश २५-३० 

बीवी-बेटी-माँ -बहन,सब नारी के रूप !
देते शीतल छाँव है,सहकर जलती धूप!!
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ढूंढ रही मुंडेर अब,तोते -कौवे -मोर !
डूब मशीनी शोर में,होती देखो भोर !!
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देकर अपनी जान जो, छोड़ गए है ताज़!
उन वीरों के खून को, याद करे सब आज !!
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ढोंगी बाबा जेल में, देखो आँखें खोल !
कानून बनकर देवता,खोले सबकी पोल !!
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तुम साथी दिल में रहे,जीवन भर आबाद !!
क्या तुमने भी है किया,पलभर हमको याद !!

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