"डॉo सत्यवान सौरभ"
जहर आज भी पी रहा, बनता जो सुकरात ! कौन कहे है सत्य के, बदल गए हालात !! ✍ - डॉo सत्यवान सौरभ,
रविवार, 15 मार्च 2015
Dry tree was saying he passed that time ! The green body was ever so beloved go !!
सूखा दरख़्त कह रहा.वक़्त गया वो बीत !
हरे जिस्म से थी कभी,जाने कितनी प्रीत !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें