"डॉo सत्यवान सौरभ"
जहर आज भी पी रहा, बनता जो सुकरात ! कौन कहे है सत्य के, बदल गए हालात !! ✍ - डॉo सत्यवान सौरभ,
गुरुवार, 22 दिसंबर 2011
करे फूल से प्यार !
जो महके है फूल-सा, करे फूल से प्यार !
पल-पल बढ़ता ही चले, आगे सभी प्रकार!!
यदि धरती ना बांटती, फूलों का उपहार !
तब प्रेमी कैसे भला, कर पाते इज़हार !!
रखता मन में जो सदा, फूलों-सी मुस्कान !
उसके सारे काम तब , हो जाते आसान !!
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