कर दे जो मन को तृप्त
ऐसा एक उपहार चाहिए !
बुझ जाये मन की प्यास ,
मुझको तुम्हारा प्यार चाहिए !!
चाहे अब ये मन नहीं , झरने सा व्याकुल बहना !
चुभन काँटों की लिए , डूबा यादों में रहना !!
दर्द का जो स्वाद बदल दे
मुझको वो अहसास चाहिए !
बुझ जाये मन की प्यास ,
मुझको तुम्हारा प्यार चाहिए !!
कैसे भूले तुझको साथी , हार को भी मैंने जीत लिखा !!
पूछो कभी तो हाल मेरा,
अब ना मुझे इंतज़ार चाहिए !बुझ जाये मन की प्यास ,
मुझको तुम्हारा प्यार चाहिए !!
उजड़ा उजड़ा जीवन हैं , पीड़ा के छण पी रहा !
आकर के तुम देख लो, कैसे हूँ मैं जी रहा !!
मन वासंती फिर हो जाये ,
मुझको वही फुहार चाहिए !!
बुझ जाये मन की प्यास ,
मुझको तुम्हारा प्यार चाहिए !!
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