चेहरे हैं सब क्यों मुरझाये , अब कौन बताये ?
क्यों फैलें दहशतगर्दी के साये , अब कौन बताये ??
कभी होकर कुर्बान जो देश पे अमर हुए थे ,
सपूत वही आज क्यों घबराये , अब कौन बताये ?
कौन हैं कातिल भारत माँ के सब अरमानों का ,
है हर चेहरा नकाब लगाये, अब कौन बताये ?
लिखूं क्या कहानी मैं वतन पे मिटने वालों की ,
वो तो मरकर भी मुस्कराए , अब कौन बताये ?
ये शब्दों की आजाद शमां यूं ही जलती जाएगी ,
बुझे ना दिल की आग बुझाह्ये, अब कौन बताये ?
इस माटी में जन्मा मैं एक रोज इसी में मिल जाऊँगा,
है अरमान काम देश के आये, अब कौन बताये ?
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