माँ -Dr. satywan saurabh
माँ ममता की खान हैं!
माँ दूजा भगवान् हैं !!
माँ की महिमा अपरम्पार ,
माँ श्रेष्ठ और महान हैं !!!
माँ कविता ,माँ हैं कहानी !
माँ हैं गीता की जुबानी !!
माँ तो सिर्फ माँ ही हैं ,
न हिन्दुस्तानी ,न पाकिस्तानी !!!
माँ हैं फूलों की बहार !
माँ सरस सुरीली सितार !!
माँ ताल हैं ;माँ लय हैं ,
माँ हैं जीवन की झंकार !!
माँ वेद हैं ,माँ ही गीता !
माँ बिन ये jug rita !!
माँ kali माँ saraswati ,
माँ kaushlya माँ sita !!
-Dr. satywan saurabh ,333 कविता niketan, badwa bhiwani hariyana-127045
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