आप सभी मित्रों के समक्ष ----तितली है खामोश---- की तीसरी पोस्ट सादर हाज़िर है ...आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में .....आपका दोस्त .....सत्यवान वर्मा सौरभ
तितली है खामोश ११ -१५
लिखकर खत से भेजिए,साथी सारा हाल !
मिला नहीं ख़त आपका,बीते कितने साल !!
-------------------------- ------------
धन पाने की होड़ में,हमने बोयें शूल !
रिश्तों की संवेदना,सभी गए है भूल !!
-------------------------- -------------
साथी तेरे हो गए,जब से मेरे ख्वाब !
जीवन मेरा हो गया,जैसे फूल गुलाब !!
-------------------------- ------------
हत्यारों के हैं कहाँ ,जाति-धर्म-ईमान !
हिन्दू हिन्द उजाड़ता,मुस्लिम पाकिस्तान !!
-------------------------- ------------
गाँवों में होने लगे ,शहरों से बदलाव!
चलें मशीने रौंदती,आपस का अब चाव !!
तितली है खामोश ११ -१५
लिखकर खत से भेजिए,साथी सारा हाल !
मिला नहीं ख़त आपका,बीते कितने साल !!
--------------------------
धन पाने की होड़ में,हमने बोयें शूल !
रिश्तों की संवेदना,सभी गए है भूल !!
--------------------------
साथी तेरे हो गए,जब से मेरे ख्वाब !
जीवन मेरा हो गया,जैसे फूल गुलाब !!
--------------------------
हत्यारों के हैं कहाँ ,जाति-धर्म-ईमान !
हिन्दू हिन्द उजाड़ता,मुस्लिम पाकिस्तान !!
--------------------------
गाँवों में होने लगे ,शहरों से बदलाव!
चलें मशीने रौंदती,आपस का अब चाव !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें