आप सभी मित्रों के समक्ष ----तितली है खामोश---- की चौथी पोस्ट सादर हाज़िर है ...आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में .....आपका दोस्त .....सत्यवान वर्मा सौरभ
तितली है खामोश १५ -२०
सजनी तेरे सँग रचूँ,ऐसा एक धमाल !
तुझमे खुद को घोल दूँ,जैसे रंग गुलाल !
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बदले-बदले रंग है,सूना-सूना फाग !
ढपली भी गाने लगी,अब तो बदले राग!
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फागुन बैठा देखता,खाली हैं चौपाल !!
उतरे-उतरे रंग है,फीके सभी गुलाल !
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मन को ऐसे रंग लें ,भर दें ऐसा प्यार !
हर पल हर दिन ही रहे,होली का त्यौहार
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फौजी साजन से करे,सजनी एक सवाल !
भीगी सारी गोरियाँ,मेरे सूने गाल !!
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तितली है खामोश १५ -२०
सजनी तेरे सँग रचूँ,ऐसा एक धमाल !
तुझमे खुद को घोल दूँ,जैसे रंग गुलाल !
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बदले-बदले रंग है,सूना-सूना फाग !
ढपली भी गाने लगी,अब तो बदले राग!
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फागुन बैठा देखता,खाली हैं चौपाल !!
उतरे-उतरे रंग है,फीके सभी गुलाल !
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मन को ऐसे रंग लें ,भर दें ऐसा प्यार !
हर पल हर दिन ही रहे,होली का त्यौहार
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फौजी साजन से करे,सजनी एक सवाल !
भीगी सारी गोरियाँ,मेरे सूने गाल !!
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