जहर आज भी पी रहा, बनता जो सुकरात !
कौन कहे है सत्य के, बदल गए हालात !!
✍ - डॉo सत्यवान सौरभ,
सोमवार, 22 अगस्त 2011
कविता-सौरभ: बांटो हिंदी ज्ञान
कविता-सौरभ: बांटो हिंदी ज्ञान: हिंदी भाषा हैं रही , समता की पहचान !! हिंदी ने पैदा किये , तुलसी औ' रसखान !! हिंदी हो हर बोल में , हिंदी पे हो नाज़ ! हिंदी मेंहोने लगे ,...
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